
पता नहीं हममें से कितनों ने बचपन में गिल्ली डंडा खेला होगा ! उन्होंने तो जरूर ही खेला होगा जो सठिया गए हैं और कभी न कभी गाँव में भी रहे हैं ! बुरा मत मानिये हमारा मतलब उनसे हैं जिनकी उम्र साठ साल से ऊपर हो गयी है ! गुच्ची होता है जमीन में खोदा गया लंबोतर गड्ढा जिसमें गिल्ली रखकर उछाली जाती है।
गिल्ली डंडा की बात हुई तो मुंशी प्रेमचंद की कहानी याद आ गयी इसी शीर्षक से ! मुंशी जी की तब कही लाइनें शायद आज GUCCI के लिए इंडियंस के दीवानेपन पर सटीक व्यंग्य है ! कहानी की शुरुआत करते हुए वे कहते हैं :-
हमारे अँगरेजीदाँ दोस्त मानें या न मानें, मैं तो कहूँगा कि गुल्ली-डंडा सब खेलों का राजा है। अब भी लड़कों को गुल्ली-डंडा खेलते देखता हूँ तो जी लोट-पोट हो जाता है कि इनके साथ जाकर खेलने लगूँ। न लाने की जरूरत, न कोर्ट की, न नेट की, न थापी की। मजे से किसी पेड़ से एक टहनी काट ली, गुल्ली बना ली और दो आदमी आ गए तो खेल शुरू हो गया।
विलायती खेलों में सबसे बड़ा ऐब यह है कि उनके सामान महँगे होते हैं। जब तक कम-से-कम एक सैकड़ा न खर्च कीजिए, खिलाड़ियों में शुमार ही नहीं हो सकते। यहाँ गुल्ली-डंडा है कि बिना हर्र-फिटकिरी के चोखा रंग देता है। पर हम अँगरेजी चीजों के पीछे ऐसे दीवाने हो रहे हैं कि अपनी सभी चीजों से अरुचि हो गई है।
हमारे स्कूल में हर एक लड़के से तीन-चार रुपए सालाना केवल खेलने की फीस ली जाती है। अँगरेजी खेल उसी के लिए है, जिसके पास धन है। गरीब लड़कों के सिर क्यों यह व्यसन मढ़ते हैं! ठीक है, गुल्ली से आँख फूट जाने का भय रहता है, तो क्या किक्रेट से सिर फूट जाने, तिल्ली फट जाने, टाँग टूट जाने का भय नहीं रहता! अगर हमारे माथे में गुल्ली का दाग आज तक बना हुआ है तो हमारे कई दोस्त ऐसे हैं, जो थापी को बैसाखी से बदल बैठे।
मुंशी जी क्रिकेट पर गुस्सा हो रहे थे या तब हम हिंदुस्तानियों के लिए क्रिकेट के स्टेटस सिंबल बन जाने पर, वो अंग्रेजी में ही कहें तो, "he is being sarcastic...........! " कुल मिलाकर वीडियो वाली आंटी जी ने भी व्यंग्य ही तो कसा है GUCCI पर जो आज यंग इंडियन जनरेशन का सोशल स्टेटस सिंबल बन चुका है। अरे ! क्या कूल है वो, GUCCI जो पहनता है !
तब कहानियां माध्यम हुआ करती थीं और आज माध्यम सोशल मीडिया है ! सो इंटरनेट पर आंटी जी (अनीता गुप्ता उनका नाम है ) का वीडियो, जिसे उनकी बेटी छवि ने इंस्टा पर पोस्ट किया है , खूब वायरल हो रहा है ! इस वीडियो का कन्वर्सेशन तो घर घर की कहानी है सो लोग रिलेट कर पा रहे हैं और खूब शेयर भी कर रहे हैं।

वीडियो खूब फनी है और सार यही है कि आंटी जी की बेटी ने ऑनलाइन GUCCI का बेल्ट ३५,००० रूपये में मंगाया है ! उन्हें बेल्ट वैसा ही लगता है जैसा डीपीएस स्कूल में पढ़ने वाला बच्चा लगाता है और जिसकी कीमत बमुश्किल १५० रूपये ही होती है। बस ! वे बेटी पर ताना कस बैठती है :- १५० रूपये का बेल्ट ३५,००० में ले ली ! इसी से लगाएंगे तुमको ! बाकी वीडियो देखिये खूब मजा आएगा ! वैसे बात तो सही है, महंगी ब्रांडेड चीज़ें देखकर इंडियन पेरेंट्स का पारा बहुत तेज़ी से चढ़ता है। इतना महंगा फोन, इतनी महंगी शर्ट, क्रीम पर इतना खर्चा… कुछ ऐसे ही रिएक्शन होते हैं ! पिछले दिनों ही खूब वायरल हो रहा था कि गुची (Gucci) ढाई लाख रुपए में एक भारतीय डिजाइन जैसा कुर्ता बेच रही है ! इतने में तो हमारी आंटी जी सरीखी हर रेगुलर महिला जिंदगी भर के कपड़ों की प्लानिंग कर लें या फिर बेटी की सारी वेडिंग शॉपिंग ही कर लें ! सोचिये जरा, इस कुर्ते के लिए ढाई लाख रुपए देने वाला या देने वाली कोई सरफिरा/सरफिरी ही न होगी ! सिर्फ इसलिए क्योंकि ये प्रोडक्ट्स गूची ब्रांड के हैं , मतलब ब्रांड के नाम पर कुछ भी? भई ! यही कल्चर है आज का ! गुची का गच्चा, ढाई लाख में सिंपल सी कुर्ती ! वैसे GUCCI इतालियन फैशन ब्रांड है और इसके मालिक गुचियो थे तो गुची नाम रखा गया था ! ब्रांड वैल्यू इतनी जबर्दस्त है कि इसके तमाम रेप्लिका भी मसलन फर्स्ट कॉपी , सेकंड कॉपी आदि आ गए ; आखिर "गुची गुची" कहलायेंगे तो ! और यंगस्टर्स के मध्य हाई स्कोर करने के लिए टॉकिंग पॉइंट भी है आजकल कि फलाना कोम्प्रोमाईज़ नहीं करता और ऑरिजिनल GUCCI ही पहनता है या धारण करता है ! कुल मिलाकर पैसा बोलता है और यदि किसी के पास नहीं भी है तो सोशल स्टेटस सिंबल के लिए कुछ भी करेगा !
और अंत में छवि गुप्ता, जिसने ये वीडियो पोस्ट किया , के बारे में बता दें तो वो बंगलुरु में जॉब करने वाली एक झारखंडी लड़की है जिसने yourregularmom के नाम से इंस्टा पर चैनल क्रिएट किया है और अपनी ममी के ऐसे और भी वीडियो पोस्ट किये हैं ! आंटी जी को हर रेगुलर इंडियन अपनी स्वयं की माताश्री से एसोसिएट कर सकते हैं। छवि की वाल पर कई मजेदार कमेंट्स भी हैं, निश्चित ही इस कोरोना क्राइसिस जनित लॉक डाउन में एंजॉयबल हैं !
ऑन ए लाइटर नोट अब गुची को भी एक सलाह दे दें ! अपनी साख बचानी है तो इंडियन मॉम्स के लिए फ्रीबी स्कीम लांच कर दें !

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