वे क्षण सिर्फ और सिर्फ  भारत और भारत की प्रतिनिधि विनेश फोगाट  को बधाई देने के थे !

विनेश ने फाइनल में पहुंच कर देश को गौरवान्वित किया है. वह पहली भारतीय महिला है जो ऐसा कर सकी. देश को उस पर गौरव है. 

काश ! सिर्फ उपरोक्त सरीखा पोस्ट सभी का होता !

परंतु हो क्या रहा है ? नेताओं को मानो अपनी अपनी दुकान चलाने की सामग्री मिल गई, तभी तो देश की बेटी के फाइनल में पहुँचने की ख़ुशी में भी दलगत राजनीति की जा रही है ! छूटभैये नेताओं की तो छोड़िये, दिग्गज नेता भी गिने चुने ही हैं, जिन्होंने असाधारण रूप से विनेश फोगाट को देश को इस असाधारण गौरव दिलाने के लिए बधाई दी हो ! सभी, यहां तक कि एजेंडा पत्रकार और सोशल मीडिया ट्रोलर्स भी, विनेश फोगाट का ठप्पा लगाकर अपना जला हुआ स्टफ बेच रहे हैं.  वह तो गौण हो गई, उसके बहाने भारत सरकार की तौहीन की जाने लगी ! सत्ता पक्ष के कर्ताधर्ता ( मंत्री गण आदि), जैसी उनसे अपेक्षा होती है, तो कमोबेश संयमित रहे, परन्तु कुछ एक बोल बच्चन तो होते ही हैं ! सो उस जमात के नेताओं ने सरकार की चाटुकारिता शुरू कर दी और फोगाट को कमतर बताना शुरू कर दिया ! 

और देखिये कहना पड़ रहा है इन नासपीटे नेताओं की बुरी नजर ही लग गई कि विनेश फोगाट के शानदार प्रदर्शन पर पानी फिर गया जब उसे अधिक वजन के कारण ओलिंपिक में महिला रेसलिंग 50 किलोग्राम केटेगरी से अयोग्य घोषित कर दिया गया.  नियमानुसार गोल्ड के लिए बाउट के पहले उनका वजन लिए जाने पर वह 50 किलोग्राम से कुछ ही ग्राम ज्यादा पाई गई और यह न केवल उसके लिए निराशा का सबब बना बल्कि देश भी निराश हुआ !     

जिन भी नेताओं ने, यहां तक कि नेता प्रतिपक्ष और एक सत्ता पक्ष की एक नई नवेली महिला सांसद ने भी, बोल बच्चन बोले, बैड टेस्ट में ही थे.  जहां एक ने प्रतिभावान फोगाट को कमतर बता दिया, वहीं दूसरे ने फोगाट के कंधे पर बन्दूक रख कर सत्ता की धज्जियाँ उड़ानी शुरू कर दी !                       

"भारत को उसका पहला गोल्ड मिलने की दुआ कर रही हूं. विनेश फोगाट ने एक वक्त पर आंदोलन में हिस्सा लिया था जिसमें उन्होंने कहा था- 'मोदी तेरी कब्र खुदेगी'. इसके बावजूद उन्हें देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला. उन्हें बेस्ट ट्रेनिंग, कोच और सहूलियत मिली. यही लोकतंत्र और एक बढ़िया लीडर की खूबसूरती है." 

"एक ही दिन में दुनिया की तीन धुरंधर पहलवानों को हराने के बाद आज विनेश के साथ-साथ पूरा देश भावुक है. जिन्होंने भी विनेश और उनके साथियों के संघर्ष को झुठलाया, उनकी नीयत और काबिलियत तक पर प्रश्नचिन्ह खड़े किए, उन सभी को जवाब मिल चुका है. आज भारत की बहादुर बेटी के सामने सत्ता का वो पूरा तंत्र धराशाई पड़ा था जिसने उसे खून के आंसू रुलाए थे. चैम्पियंस की यही पहचान है, वो अपना जवाब मैदान से देते हैं. बहुत शुभकामनाएं विनेश. पेरिस में आपकी सफलता की गूंज, दिल्ली तक साफ सुनाई दे रही है."

जैसा बताया जा रहा है मंगलवार की विनेश का वजन दो किलो ज्यादा था, जिसे कम करने के लिए वह रात भर जॉगिंग, साइकिलिंग सब कुछ करती रही. परंतु होनी को शायद यही मंजूर था.  अब जरूरी है सभी उसकी निजता का सम्मान करते हुए चुप्पी साध लें और किसी भी प्रकार की टीका टिप्पणी न करें ! लेकिन अनर्गल प्रलाप करने के आदी नेताओं को कौन रोक सकता है ? एक आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने भारत सरकार से ओलिंपिक के बहिष्कार की मांग जो कर दी है ! उन्हें कौन बताए कि कभी इंटरनेशनल ओलिंपिक कमिटी ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया को ही बैन कर दिया था.  बाद में बड़ी मुश्किल से बैन हटा था. परंतु सियासी फायदा लेने के लिए खिलाड़ियों को मोहरा बनाना बंद नहीं करेंगे नेता लोग ! अभी अभी कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने विनेश के डिसक्वॉलिफिकेशन की दुःखद घटना को "भीतर के लोगों" की साजिश बता दिया है ! उनके नेता राहुल गांधी भी इण्डियन ओलंपिक एसोसिएशन से कह रहे हैं कि आप सख़्ती से चैलेंज करो, जबकि ऐसा कुछ IOA नहीं कर सकती ! एक प्रोसेस है जिसके तहत बाउट हुई, प्रोसेस IOA को और स्वयं फोगाट को भी अच्छे से पता है दोनों दिनों उसे हर हाल में वेट मैंटेन रखना है जिसे वह अथक प्रयासों के बावजूद नहीं रख पाईं ! प्रोसेस सभी भाग लेने वालों पर लागू होता है ! जो हुआ सो हुआ, निःसंदेह अन्फोर्च्युनेट था ! ऑन ए लाइटर नोट, नेताओं को समझना चाहिए ओलंपिक्स भारत की संसद नहीं है जहां नियमानुसार किए गये निर्णय को भी चैलेंज कर हंगामा खड़ा किया जाता है ! वहाँ किया तो पूरा दल ही डिस्क्वलिफ़ाई कर दिया जाएगा ! विनेश के ससुर राजपाल राठी इसे सरकार की साजिश बताते हुए कह रहे हैं कि एक बनियान निकाल दो तो 100 ग्राम और साथ ही बाल निकाल दो तो दूसरा 100 ग्राम कम हो जाएगा ! कोई बताएं इन महानुभाव को कि वज़न करवाने के दौरान रेसलर सिर्फ 'सिंगलेट(एकल वस्त्र)' ही पहनता है और पूरे वज़न प्रक्रिया के दौरान रेसलर्स जितनी बार चाहें, वज़न करवा सकते हैं. जहां तक बालों की बात है तो कल बालों के साथ ही वजन 50 किलोग्राम के अंदर था ! और एक बात, दरमियानी रात विनेश का वजह 52 किलो था, उसने साइक्ल‍िंग, स्किपिंग आदि करके उसका वजन कम करने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हो सकीं. गगन नारंग, दिनशॉ पारदीवाला, उसके पति, फिजियो, मेडिकल स्टाफ, आईओए अधिकारी, भारत में मौजूद लोग ओजीक्यू (ओलंप‍िक गोल्ड क्वसेट) ने उनका वजन कम करने के लिए रात भर काम किया. उसके हेयरकट भी किए गये, नाखून तक काटे गये. एक पल, जैसा बताया जा रहा है, डॉ पारदीवाला ने यहां तक ​​कहा कि हम उनकी जान को खतरे में नहीं डाल सकते हैं. किसी ने कहा यदि वजन कम नहीं हो पाया तो इंज्यूरी क्लेम कर लेते, सिल्वर तो मिल जाता ! क्या तब इंज्यूरी का वेरिफिकेशन नहीं होता ? एक अन्य दिग्गज नेता ने पूछा कि इतने कम अक्ल लोगों को क्यों फोगाट की टीम में रखा गया ? कोई बतावें उन्हें फोगाट टीम उसकी चॉइस की है , उसके पति भी टीम में हैं ! किसी ने कहा साज़िश के तहत उसे ऐसा कुछ खिला दिया गया कि वजन बढ़ गया ? अरे मूढ़ ! विनेश एक अनुभवी रेसलर है, कई कई इंटरनेशनल टूर्नामेंट्स उसने खेले हैं ! वह कोई नौसिखिया नहीं है, उसे पता है बाउट के पहले क्या खाना है और बाउट के बाद क्या खाना है ? जहां तक वहाँ गये अधिकारियों की बात हैं, क्या उन्होंने सारे ऑप्शन नहीं देखे होंगे ? वाह रे भाई ! ओलिंपिक में भारत सरकार की साजिश चलती है ! तो बीस तीस गोल्ड लाने की साजिश को ही अंजाम दे देते ! डंका तो बजता सरकार का ! और यदि विनेश से ही खूनस थी तो साज़िश के तहत उसे भेजते ही नहीं ! अरे ! कुछ भी बोल दो ! फिलहाल विनेश फोगाट की निजता बनी रहने दें, समय आने पर उसे ही बताने दें ?

अब जितने मुँह उतनी बातें होगी ! जबकि देश के पीएम ने बहुत ही संतुलित प्रेरणादायक ट्वीट किया है. साथ ही पीएम ने पी टी उषा से बात की और उनसे इस मुद्दे पर प्रत्यक्ष जानकारी मांगी तथा विनेश की हार के बाद भारत के पास क्या विकल्प हैं, इस बारे में भी पूछा. मोदी जी ने उनसे विनेश के मामले में मदद के लिए सभी विकल्पों पर विचार करने को कहा है. उन्होंने पीटी उषा से भी आग्रह किया कि अगर इससे विनेश को मदद मिलती है तो वह अपनी अयोग्यता के बारे में कड़ा विरोध दर्ज कराएं.

#Phogat_Vinesh

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Prakash Jain

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