ब्रेख्त की लघुकथा शायद सुनी हो पहले : -
एक आदमी के पास ११ घोड़े थे , और तीन बेटे ! मरते वक्त उसने वसीयत की थी कि उसके बाद पहले बेटे को आधे घोड़े दे दिए जाएँ , दूसरे को एक चौथाई और तीसरे को बचा हुआ एक छठा हिस्सा ! बंटवारे की तैयारी हुई तो मुसीबत ; ग्यारह का आधा निकालो तो घोड़ा काटो ! काटो तो घोड़ा बेकार ! आख़िर गाँव के एक परोपकारी आदमी ने उपाय खोज निकाला !
एक घोड़ा उसने अपना मिलाया ; अब हुए बारह ! पहले बेटे को छह दिए , दूसरे को तीन और तीसरे को दो ! कुल मिलाकर हुए ग्यारह ! अपना बारहवाँ घोड़ा उसने वापस ले लिया !
यह था परोपकार का आदर्श रूप ! सबका भला हो गया और भला करने वाले का बुरा नहीं हुआ ! किसी को बलिदान नहीं देना पड़ा !
बलिदान देने से आत्मा कुंठित हो जाती है ! आदमी अपने ऊपर घमंड करने लगता है ! निःसंदेह परोपकार के समान कोई धर्म नहीं है। लेकिन परोपकार के लिए मनुष्य को कुछ-न-कुछ त्याग करना पड़ता है। और प्रायः इस त्याग की भरपाई खोज ली जाती है; नेता ने परोपकार किया तो उसे वोट चाहिए, एक्टिविस्ट ने , बुद्धिजीवी ने, धर्मगुरु ने या अन्य किसी ने परोपकार किया तो कुछ त्याग किया जिसके एवज में जो चाह थी वो मिला मसलन मान सम्मान मिला, पुरस्कार मिला और ब्रांडिंग सही हो गई तो मालामाल हो गए !
लेकिन आदर्श परोपकार की स्थिति भी निर्मित होती हैं ! विज्ञान ने इतनी उन्नति कर ली है कि मरने के बाद भी हमारी नेत्र ज्योति और अन्य कई अंग किसी अन्य व्यक्ति के जीवन को बचाने का काम कर सकते है। इनका जीवन रहते ही दान कर देना महान उपकार है। मर कर भला कर जाएंगे कइयों का और एवज में जिंदगी जीते हुए अपना कोई नुकसान भी नहीं हुआ।
सूक्ष्मता से देखें तो विरला ही परोपकार ऐसा है जो मानव बिना किसी बदले की भावना अथवा बिना प्राप्ति की आकांक्षा के करता है !
प्रेम परोपकार नहीं होता। जो प्रेमी बलिदान चाहे , वह प्रेमी नहीं होता ! बलिदान के बाद प्रेम, प्रेम नहीं रहता, परोपकार बन जाता है ! आदर्श नहीं, घमंडी और बनावट का परोपकार ! दो प्रेमी प्रेमी हैं तो एक दूसरे से बलिदान ना तो माँगते हैं और ना ही देते हैं !
यक़ीन मानिए बेमेल जोड़ी के मध्य प्रेम बेमिसाल होता है ! जो बेमेल है वो अलग जो दिखता है/दिखती है ! “तुम बस तुम हो , टेढ़ी बिंदी , बेमेल बटन , बिखरे बाल , इतनी बेबस हंसी ! परंतु फिर वही बात, बेमेल जोड़ी में परोपकार निहित है, बलिदान जो दिया है चूंकि बेमेल संगी को अपनाया है !
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